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2014-11-15

ضیا باری بهاری

سال دوهزار و چهارده به همه مبارک باد!

 

 

سال دوهزار و چهارده به همه مبارک باد!

 

سال دوهزار و چهارده به همه مبارک باد!

از روزنه به بیرون تماشاه کن
آنجا، در پشت پرده
تابلوی برفی سال دو هزار و چهارده؛
اسبی قشنگی [شیهه کنان] با صدای بلند
چهار نعل سُم می زند،
که امروز پشت درب استاده است
* * *
بگذار در ساال آینده خوشبختی به در آید 
بگذار همه آرزوها و امیدها
زودتر به کام آید
بگذار در سال اسب
زندگی شیرین تر از شکر آید
بگذار در این سال اسب،
زندگی درخشان
و هدایا شیرین تر آید
* * *
بگذار اسب در این سال نو خوشبختی مزید به ارمغان آرد!

Посмотри в окошко: там, за шторой снежной,Новогодняя открытка 2014
Милая лошадка звонко бьет копытцем…
Пусть в году грядущем сбудутся надежды
И большое счастье в двери постучится!
* * *
Лошадка дивной красоты
Стоит сегодня у дверей!
Пусть все надежды и мечты
Она исполнит поскорей!
* * *
Пусть будет в год Лошадки
Жизнь слаще шоколадки!
* * *
И-го-го какого счастья!
* * *
Жизни яркой
В год Лошадки
И подарков
Самых сладких!
* * *
Пусть Лошадка в Новый год
Много счастья принесет!

 

یادداشت: از دفتر یادداشت ها و ترجمه های خودم، زیر عنوان "معرفت با فرهنگ ها"
متأسفانه نام سرایشگر را نیافتم. 31.12.2013 (жизнь современой женщины) از سایت:
برگردان از زبان روسی: ضیا باری بهاری